Laingik Samaanata & Vidhik Jagarukata Shivir: लैंगिक समानता विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन: सचिव/न्यायिक अधिकारी श्रीमती सुमिता
सहारनपुर: दिनांक 21 अक्टूबर, 2022 (सू0वि0)। HEADLINES HINDUSTAN Bharat Ki Baat
माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ UTTAR PRADESH STATE LEGAL SERVICES AUTHORITY, UPSLSA से प्राप्त एक्शन प्लान के अन्तगर्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्रीमती बबीता रानी के निर्देशन में गुरू नानक गर्ल्स इण्टर कॉलेज सहारनपुर में Laingik Samaanata लैंगिक समानता के विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सुमिता द्वारा किया गया।
जागरूकता शिविर में सम्बोधित करते हुये District Legal Services Authorities (DLSA) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/न्यायिक अधिकारी श्रीमती सुमिता ने कहा कि बदलाव की शुरूआत स्वयं से होती है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपनी जिन्दगी को किस दिशा मे ले जाना चाहता है। प्राधिकरण की सचिव ने स्कूल की छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि महिलाओं की सुरक्षा व समानता के बहुत सारे कानून है, जरूरत है उनको जानने की और गलत का विरोध करने की। अब समय आ गया है कि महिलायें नये दौर की शुरूआत करे जिसमें महिला, लडकी एवं बलिकायें गरिमा पूर्ण जीवन जी सके।
पीसीपीएनटी एक्ट में प्रसव पूर्व भू्रण जांच एक अपराध है। प्रसव पूर्व लिंग जांच का अपराध तभी रूक सकता है जब महिलायें जागरूक होगी। सचिव ने छात्राओं को बताया की हमारा भारतीय संविधान कानून के समक्ष सभी को सामान होने की बात कहता है इस संदर्भ में प्रासेगिक प्रावधान अनुच्छेद 14,15,16,39 एवं 42 है। इन सब प्रावधानों का मकसद समानता कायम करना है। बाल विवाह दण्डनीय अपराध है। Laingik Samaanata & Vidhik Jagarukata Shivir
धारा 354 आईपीसी महिलाओं को छेडखानी के अपराध, धारा 376 दुष्कर्म की घटनाओं को दण्डनीय बनाती है। पाक्सों एक्ट 2013 में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को उनके लैंगिक उत्पीडन से सुरक्षा देता है।
सचिव ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के आवश्यक प्रावधानों, धारा 125 सीआरपीसी के विषय पर प्रकाश डाला। sakhi one stop center सखी वन स्टॉप सेन्टर व एमरजेन्सी 1090, 1098, 112 के बारे में भी छात्राओ को अवगत कराया। साथ ही छात्राओं को बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निःशुल्क विधिक सहायता देने का प्रावधान है।
महिलाएं, बच्चें, एस/एसटी वर्ग की महिलाओं को निःशुल्क विधिक सहायता हेतु आवेदन कर सकते है। पुरूष सवर्ग जिनकी आयु तीन लाख तक है वे भी निशुल्क विधिक सहायता का लाभ ले सकते है। सचिव ने 9,10,11 एवं 12 नवम्बर को आयोजित होने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में बताया जिसमें सुलह के आधार पर मुकदमों का निस्तारण होगा।
सचिव ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत बताया कि दहेज लेना देना दोनों अपराध है। साथ ही सचिव ने छात्राओं को सर्वाईकल कैंसर के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनिता मेंहदीरत्ता ने किया। शिविर में प्राधानाचार्य श्रीमती बलविन्द्र कौर, अध्यापकगण एवं काफी संख्या में छात्रायें उपस्थित थी।